Self-Doubt से जूझता व्यक्ति अकेला बैठा हुआ – आत्मविश्वास की कमी दिखाते चित्र

Self-doubt यानि खुद पर शक करना एक आम एहसास है जिससे हम कभी-कभी खुद से ही हारने लगते हैं। हर कोशिश के बाद मिलती नाकामी से और हर सपने के बीच आती रुकावट से मन कहता है “क्या मुझमें कुछ भी अच्छा है?” इस लेख में जानिए Self-Doubt से लड़ने के 7 असली तरीके”

Self-Doubt से लड़ना क्यों जरूरी है?

Self -doubt, इसकी वजह से हम अपनी ही काबिलियत पर शक करने लगते है। लेकिन अगर यही शक ज़िंदगी को रोकने लगे, तो उससे बाहर निकलना ज़रूरी है। इस लेख में जानिए वो 7 तरीके जो आपको फिर से अपने अंदर के विश्वास को जगाने में मदद करेंगे।🚀

1. खुद से सवाल करो, खुद को जवाब दो

जब doubt हो, खुद से पूछो – “क्यों नहीं कर सकता?” अपने आप से सवाल करो को मै क्यों नहीं कर सकता हुँ। self talk करो। खुद से बात करना सब से अच्छा रहता हैं इससे आपको किसी से जज होने का भी डर नहीं रहता हैं, खुद से बात करना सबसे अच्छी थेरेपी कह लाती हैं मनोवैज्ञानिक कहते हैं की अगर आप प्रतिदिन 10 min खुद से बातें करते हो तो आपकी Mental Health बहुत अच्छी रहती हैं आप लाइफ में किया चाहते हो इसकी क्लैरिटी बनी रहती हैं तो या तो खुद से बातें करो या Journaling करो, जो भी तुम्हारे मन में बातें सब लिख दो फिर उसे पढ़ो, तुम्हे बहुत अच्छा लगेगा।

2. अपने छोटे achievements याद करो

हर कोई किसी ना किसी चीज़ में अच्छा होता है — कोई पढाई में अच्छा होता है. कोई खेल में अच्छा होता है, किसी की Arts बहुत अच्छी होती कोई डांस में अच्छा होता हैं। भगवान ने सबको अलग अलग हूनर से नवाज़ा हैं तो उसी हूनर को पहचान कर उसमें जो अपने सफलता पायी है चाहे वह छोटी हो उसे पहचानो। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा
अपनी success list बनाओ, चाहे वो exam हो या blog post। फिर आगे बढ़ो।

3. Comparison बंद करो – ये जहर है

आजकल लोग सोशल मीडिया में दुसरो की चमचमाती ज़िन्दगी को देख कर अपनी लाइफ की तुलना उनकी लाइफ से करते है और ज़िन्दगी से शिकायते करने लगते है की काश मेरी भी ऐसी लाइफ होती पर Instagram और LinkedIn की shiny दुनिया के पीछे सबकी अपनी लड़ाई है। सब कही न कहीं struggle कर रहे होते है इसलिए खुद को लाइफ या खुद को दुसरो से compare मत करो। उनकी लाइफ जैसी दिखती है वैसी होती नहीं हैं वह सिर्फ अपनी लाइफ का 5 min दिखते हैं और उसी से हम उनसे तुलना करने बैठ जाते हैं। इसलिए खुद को सिर्फ खुद से compare करो।

4. “Perfect” मत बनो, बस Progress करो

Self-doubt का एक बड़ा कारण होता है — “perfection का दबाव” और परफेक्ट कोई नहीं होता हैं। सबमें कोई न कोई कमी होती ही हैं तो अपने आप को perfect बनाने की जगह Progress पर ध्यान दो। अगर आपको लगता है की मेरे अंदर यह कमी और इसे सुधार कर मै अपने लिये कुछ अच्छा कर सकता हूँ तो आपको करना चाहिए। हर दिन अपने आप को 1 % बेहतर बनाओ, खुद को बेहतर बनाओगे तो आपकी ज़िन्दगी भी बेहतर हो जाएगी।

5. Positive लोगों के साथ वक्त बिताओ

कहते हैं जैसा सोचोगे वैसा ही होगा इसलिए अच्छा सोचो, पॉजिटिव रहो तो लाइफ में भी सब पॉजिटिव होगा। अपने आसपास भी ऐसे लोगो से घिरे रहो जो positive रहते है पॉजिटिव रखते है। Negative लोग आपके confidence को चुपचाप तोड़ते हैं। Positive circle आपको ताकत देता है — चाहे offline हो या online।

6. किसी Mentor या Coach से बात करो

कभी-कभी एक सही सलाह आपको बहुत आगे ले जा सकती है। किसी अच्छे Coach या Mentor की सलाह लो जो आपको decision making में help करे। कोई YouTube channel, blog या podcast सुनो जो आपको uplift करे।

7. “अभी करो” – Action ही दवा है

जितना ज्यादा सोचोगे, उतना doubt बढ़ेगा। इसलिए सोचने मे ज़्यदा समय बर्बाद मत करो। बस एक बार सोचो फिर Action लो। कल पर मत डालो। एक छोटा कदम आज ही लो — blog लिखो, reel बनाओ, कुछ नया सीखो।

5 मिनट का Self-Doubt Breaker Exercise

आंख बंद करो

5 बार गहराई से सांस लो

3 चीजें सोचो जो तुम्हें proud बनाती हैं

एक चीज़ लिखो जो आज करोगे

Conclusion:

Self-doubt कोई बीमारी नहीं है — ये एक संकेत है कि आप बड़े सपने देख रहे हैं।
लेकिन अगर आप इसे हराने की हिम्मत रखते हैं, तो समझो आपके अंदर वो सब कुछ है जो एक winner में होता है।

“आपका डर आपसे कुछ छीन नहीं सकता, अगर आप उसे खुद देने से इनकार कर दें।”

अगर आपके भी सपने अधूरे रह गए हैं, तो ये यह लेख पढ़ें

By Upasna

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